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राजस्थान के जयपुर जिले की उपखंड एवं पंचायत समिति किशनगढ़ रेनवाल में जोबनेर चोमू रोड स्थित श्री गोपाल गौशाला की स्थापना सन 1916 में हुई थी। गौशाला के अधीन 133 बीघा जमीन है। इस गौशाला में गोपालन एवं गौ सेवा के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाएं बनाई गई है -
1. गोपालन :- गौशाला में गौशाला में मुख्य रूप से गायों की देखभाल एवं पालन किया जाता है और वर्तमान में 450 गायों की संख्या है। गायों के लिए आवास, चारा, हरा चारा, पानी आदि की व्यवस्था उचित प्रकार से की हुई है।
2. बावड़ी :- श्री गोपाल गौशाला के अधीन निर्मित यह बावड़ी गौशाला से 200 मीटर एवं जोबनेर रोड और चोमू रोड से 100 मीटर की दूरी पर स्थित है इस बावड़ी की 10 करोड़ लीटर जल संग्रहण क्षमता है। बावड़ी का निर्माण होने से गौशाला की गायों के लिए पानी पीने की व्यवस्था के साथ - साथ अन्य पशु पक्षियों के पानी पीने की व्यवस्था, गौशाला की जमीन पर की गई फसल के लिए सिंचाई व्यवस्था और भूजल स्तर को बढ़ाने में अति महत्वपूर्ण उपयोग हो रहा है।
3. गोबर से निर्मित उत्पाद :- श्री गोपाल गौशाला में गौ सेवा के साथ-साथ गायों के गोबर से निर्मित विभिन्न प्रकार के उत्पादों का निर्माण किया जाता है जिसमें मुख्य रूप से गणेश जी की मूर्ति, लक्ष्मी जी की मूर्ति और हनुमान जी की मूर्ति बनाई जाती है। मूर्तियों के साथ-साथ दीपक एवं होली के बड़कुल्ले उपले एवं कंडे बनाए जाते हैं। गोबर से निर्मित मूर्तियों एवं दीपकों की किशनगढ़ रेनवाल साथ जयपुर शहर में भी आपूर्ति की जाती है। हिंदू दर्शनानुसार गौ सेवा सर्वोत्तम मानी गई है इसी दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर श्री गोपाल गौशाला द्वारा प्रकृति को नुकसान नहीं पहुंचाने वाले उत्पादों का निर्माण किया जाता है।
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